वरना दुर्गा का रूप हूं मुझे आज़ादी चाहिए वरना दुर्गा का रूप हूं मुझे आज़ादी चाहिए
ख्वाबों के जहां में खुली पतंग सी हूँ मुझे आज़ादी चाहिए सालाखों मे कब तक रहूं कैद ख्वाबों के जहां में खुली पतंग सी हूँ मुझे आज़ादी चाहिए सालाखों मे कब तक ...
अजब रिवाजों वाला ही, है इस सारे जग का रोग, चलती को कहते हैं गाड़ी, अजब रिवाजों वाला ही, है इस सारे जग का रोग, चलती को कहते हैं गाड़ी,
शत शत नमन श्री तुलसीदास को रामचरितमानस के रचियता। शत शत नमन श्री तुलसीदास को रामचरितमानस के रचियता।
संस्कृति हूँ, सभ्यता हूँ हर ग्रंथों का सार हूँ। मैं लज्जा की परतों में सिमटी नारी हूँ। संस्कृति हूँ, सभ्यता हूँ हर ग्रंथों का सार हूँ। मैं लज्जा की परतों में सिमटी नार...
यहाँ भेद मिटाना सिखलाते है। राष्ट्र धर्म के ग्रंथो में, कुछ पन्ने और लगाते हैं। यहाँ भेद मिटाना सिखलाते है। राष्ट्र धर्म के ग्रंथो में, कुछ पन्ने और लगाते...